Tuesday, July 18, 2023

वजह

 

मेरी तन्हाई का शिकन
किसी और की मुस्कराहट है

मेरे आंख की नमी
किसी और की भीगी पलकें हैं

मेरी उँगलियों के बीच का खालीपन
किसी और की हथेली है

मेरे घर का सन्नाटा
किसी और की रौनक है

मेरी देहली का सूनापन
किसी और की बगिया है

मेरे आंगन का अँधेरा
किसी और की चांदनी है

मेरे अनकहे लफ्ज़
किसी और की बतियाँ है

वो मुरझाया गुलदस्ता
सुना रहा है एक अरसे की दास्तान

वो तही चादर
कर रही है एक मुद्दत से इंतज़ार

शायद कुछ आम था मुझमें
जो कहीं भी मिल गया
यकीनन कुछ ख़ास था तुझमें
जो मुझे कहीं भी न मिला ....