Thursday, August 17, 2017

यह मेरा हंदुत्व है, यह मेरे दिव्य राम है, यह मेरी निष्ठावान भक्ति है

क्या आपको कभी लगता है कि 33 crore देवी देवताओं वाला, विश्व का लोक प्रिय धर्म, हिंदुत्व खतरे में है? अगर हाँ, तो समय है आत्म चिंतन का | आपका डर व्यर्थ नहीं है परन्तु वैध भी नहीं | आज आपकी चिंता का एक बड़ा कारण है वो समुदाय जिसने हमारे उदार हिंदुत्व को अपनी बपौती समझ लिया है |
क्या प्रभु राम के विशाल अस्तित्व को कोई भी शक्ति या विचारधारा छू सकती है? नहीं |
क्या प्रभु राम को हम कुछ गज ज़मीन में समेट सकते हैं? नहीं |
क्या प्रभु राम की शक्ति को मंदिर में बैठी ४ फुट की मूर्ती कैद कर सकती है? नहीं |
क्या प्रभु राम की असीम माया को कोई एक रंग बखान सकता है? नहीं |
क्या प्रभु ने कभी सिया के जीवन में बंदिशें डाली? नहीं |
क्या प्रभु ने कभी अपनी प्रजा - परिवार को किसी नियम के लिए बाध्य करा? नहीं |
क्या प्रभु ने उस धोभी को देश द्रोही पुकारा? नहीं |
अगर प्रभु तुम्हारे आराध्य हैं, तो हर प्राणी को गले लगाओ |
अगर प्रभु तुम्हारे आराध्य हैं, तो अपने आलोचकों को भी सम्मान दो |
अगर प्रभु तुम्हारे आराध्य हैं, तो अपनी बहू बेटी पत्नी को अधिकार दो |
अगर प्रभु तुम्हारे आराध्य हैं, तो निजी जीवन की मर्यादा स्वीकारो |
अगर प्रभु तुम्हारे आराध्य हैं, तो प्रभु की शक्ति पर विश्वास रखो |
अपनी भक्ति को कुछ ठेकेदारों को मत बेचो | हिंदुत्व की अविरल धारा अनवरत है, महाकाय है, सर्व-भूत है |
जब सिन्दूरी टीका लगाते हो, तो वह सिर्फ एक प्रतीकात्मक क्रिया नहीं है | सिया का सिन्दूर सिन्दूरी था, तो भक्त हनुमान ने स्वयं को सिन्दूरी रंग लिया, परन्तु सभी वानरों के ऊपर सिन्दूरी रंग नहीं थोपा | ये भक्ति है |
जब हनुमान ने रावण का वध नहीं करा, तो हम कौन होते है अपने प्रभु के सम्मान की ठेकेदारी करने वाले?
हिंदुत्व तो जीवन का सार है, इसे भला किसका खतरा? तुम अपनी भक्ति करो, कर्म करो, राम जी करेंगे बेड़ा पार |
यह मेरा हंदुत्व है, यह मेरे दिव्य राम है, यह मेरी निष्ठावान भक्ति है ||
जय सिया राम !

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