Thursday, April 12, 2018

कहने के लिए असिफा...

कहने के लिए तुम नन्ही हो,
असल में इंतज़ार तुमसे बड़प्पन का है |
कहने के लिए तुम कली हो,
असल में इंतज़ार तुम्हारे खिलने का है |
कहने के लिए तुम किस्मत से मिलती हो,
असल में इंतज़ार तुम्हारी विदाई का है |
कहने के लिए तुम्हारे कई रूप हैं,
असल में इंतज़ार तुमसे परिणय का है |
कहने के लिए तुम सृष्टि रचती हो,
असल में इंतज़ार तुमसे वात्सल्य का है |
कहने के लिए तुम रिश्तों की डोर हो,
असल में इंतज़ार तुम्हे बाँधने का है |
कहने के लिए तुम लक्ष्मी हो,
असल में इंतज़ार तुम्हारे गहनों का है |
कहने के लिए तुम वृत्ता हो,
असल में इंतज़ार तुम्हारी परीक्षा का है |
कहने के लिए तुम याज्ञसेनी हो,
असल में इंतज़ार तुम्हारी उपेक्षा का है |
कहने के लिए तुम अमानत हो,
असल में इंतज़ार तुम्हारे दान का है |
कहने के लिए मैं बहुत कुछ हूँ,
असल में इंतज़ार मेरे सब कुछ का है |
बस कहने के लिए...
इस जग की हूँ,
इस आँगन की हूँ,
इस कुल की हूँ |
असल में...
मैं कहीं की नहीं हूँ
मैं किसी की नहीं हूँ
मैं कुछ नहीं हूँ |

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