Friday, October 21, 2016

नीयत

एक वक़्त की बात है
फरिश्ता ज़मीन पर आया था
कुदरत का ये हसीं हुस्न देख
उसका भी मन इतराया था

बोला उसने कुदरत के ख़ुदा को
इन दिलकश नज़ारों का मैं माही हूँ
इनका अकेलापन इन्हें ख़ाक ना कर दे
इस जन्नत की कद्र को मैं राज़ी हूँ

ख़ुदा ने उसको आगाह करा
ये कायनात बेकद्री करती है
जैसे वक़्त गुज़रता है
फ़िज़ा सराब पेश होती है

ऊंचाई बुलाती है, तो गहराई गिराती है,
खुशबू लुभाती है, तो फीकी भी 
पड़ जाती है
आफताब के बाद अँधियारा आता है
तो चाँद बेतरतीब छुप जाता है

बारिश से सैलाब आते हैं
दरिया भी राह बदल जाते हैं
मायूस हो जाओगे तुम ऐ फ़रिश्ते
इस दुनिया में ऐसे रंग बदलते हैं

जिस दुनिया की ख्वाइश तू करता है
वो सिर्फ तेरे तस्सवुर का एक हिस्सा है
जिस पाक मुस्तक़बिल की चाह बसाता है
उसकी तक़दीर बस लफ़्ज़ों का पिंजरा है

मैंने चाँद को चेहरा दिया
तो इंसान ने उसे दाग समझा
दिल को मुहब्बत का जज़्बा दिया
उसने एक लापरवाह खिलवाड़ समझा

दिमाग से साज़िश
और भूक का सौदा करता है
इसका ऐतबार ना कर
ये इंसान ख़ुद से भी बेवफाई करता है

ना जाने कैसे इसको तराशा मैंने
कौन सी चूक हो गयी कारीगर से
हैरान हूँ उसकी तमीज से
ख़ुदा से भी खुदगर्ज़ी करी जिसने

7 comments:

abhishek sharma said...

gunja means bald bwhwahah..I read your kavita its good KEEP WRITING...:)
you are added to my readers list for 8 years now...

Gunja Kapoor(u109116) said...

Shukriya! Means alot to me.

Gunja Kapoor(u109116) said...

Shukriya! Means alot to me.

Unknown said...

Wow Gunja, I didn't know we had a poetess amongst us!! Very nice !! Keep writing!

Unknown said...

Wow Gunja, I didn't know we had a poetess amongst us!! Very nice !! Keep writing!

Gunja Kapoor(u109116) said...

Shukriya! Means alot to me.

Gunja Kapoor(u109116) said...

Shukriya! Means alot to me.