राजीव गाँधी, भारत का वो युवा
सितारा जो अपने समय से बहुत पहले रात की अँधेरी गलियों में खो गया | अपनी
माँ के योग्य बेटे थे, अपने नाना के निपुण नाती, अपने पिता के उदार पुत्र थे, अपने
परिवार के चहीते सदस्य, और इस देश की उम्मीद थे | वक़्त से पहले जाने वाले राजीव गाँधी के
Digital India के योग्यदान की बात मैंने अनेक बार कही है | राजीव गाँधी को Digital
India का निर्माता न पुकारने से, सत्य नहीं बदलेगा | पढ़े
लिखे को फ़ारसी क्या, हाथ कंगन को आरसी क्या |
राजीव गाँधी ने अपने पिता को बहुत कम
आयु में खो दिया, तथा अपनी माँ के जीवन के उस पहलू को देखा जिससे हम और आप अनभिज्ञ हैं
| इंदिरा गाँधी ने राजनीति में, अपने महिला होने
का, अपने पिता की बेटी तथा अपने स्वर्गीय पति की विधवा होने का बहुधिक
मूल्य चुकाया | परन्तु, उनके दोनों पुत्रों के लिए उनकी माँ का जीवन पाठ्यक्रम के समान था |
राजीव
गाँधी के जीवन का अध्ययन करने वाले इस बात को भली भांति स्वीकारते हैं की उन्हें
राजनीती में कोई रूचि नहीं थी | भाई की असामयिक मृत्यु के बाद कांग्रेस
की प्राथमिक सदस्तया ली, और वक़्त की नज़ाक़त मद्देनज़र रखते,
माँ
की कुर्सी संभाली | जिस युवा को सब एक शहज़ादा समझते थे, उसने जब भारत की
प्राचीनता को अपने नवीन विचारों के साथ अद्वतीय निपुणता से बुना, तो
वो देश के बेटे बन गए | जाति, समुदाय, धर्म, और अनेक कुंठित आयामों को दर किनारे करा, और जुट गए भारत
के नए अध्याय की रचना में | विदेशी अनुभव का प्रयोग जिस निर्बाधता से
उन्होंने भारत के सामाजिक व् आर्थिक बदलाव में लगाया, ये कोई आश्चर्य
नहीं की उन्होंने इतने कम समय में खूब वैश्विक सम्मान और दुलार बटोरा |
सोनिया गाँधी से विवाह करना उनके खुले
विचारों और बदलाव की आतुरता के नमूना है | आज हम New Indiaकी बात कर रहे
हैं, जिसकी नींव राजीव गाँधी ने रखी थी | आज Make
In India की बात करते हैं, जिस Self-Reliant India का
नारा राजीव गाँधी ने दिया था | आज हम Demographic Dividend की
बात करते हैं, जिसका महत्व एक प्राचीन देश के Young India को राजीव गाँधी
ने बताया था | वक़्त की तहों में उनके ख्वाब दब सकते हैं, उनके विचारों का
प्रभाव नहीं | Sam Pitroda को भारत ले आये, और देश की
प्रगति का वास्ता देकर गली गली Telecom Revolution लाये, ऐसे
थे राजीव गाँधी |
राजनीतिक विश्लेषकों ने राजीव गाँधी को
Bofors का चेहरा बना दिया, और विपक्ष ने उन्हें शाह बानो का गुनहगार
| आलोचकों को उनके बयान "जब एक बड़ा पेड़ गिरता है...." का
ऐसा जुनून है, कि खैर…| आज लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ अपनी नैतिकता खो चुका हैं, और
सत्ता की गोदी में खेल रहा है, शायद इसलिए मेरे जैसे आम नागरिक को
अपनी आवाज़ उठा कर राजीव गाँधी का प्रतिबिम्ब New India के New
Youth को देना पड़ रहा है |
इन
बुद्धिजीवियों को ये याद दिलाना अपरिहार्य है, की नर नश्वर है,
उसकी
छवि दाग प्रवृत्त, परन्तु उसके विचार, उसकी सोंच, उसका अस्तित्व
अजर अमर है |
कर लो लाख कोशिश तुम हमें मिटाने की,
पत्थरों
की लकीरें पानी से नहीं मिटती |
जय हिन्द |